एम ए एम कॉलेज में सरल मानक संस्कृत कार्यशाला का आयोजनजम्मू12मार्च:सरलमानकसंस्कृतकार्यशाला का आयोजन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्रीरणवीर परिसर,जम्मू,भारतीय भाषा समिति,शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार एवं एम ए एम कॉलेज, जम्मू के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को किया गया। कुल चार सत्रों में विभाजित इस कार्यशाला में जयपुर और जम्मू के अलग- अलग स्थानों से आमंत्रित विद्वानों (साहित्य, संस्कृत) ने सरलतापूर्वक संस्कृत सीखने-सिखाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यशाला का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ हुआ । तत्पश्चात् एम ए एम कॉलेज के संगीत विभाग के छात्र- छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।परिसर निदेशक प्रो श्रीधर मिश्र ने आमंत्रित अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। इस कार्यशाला के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि सरलमानक संस्कृतम् कार्यशाला में हम संस्कृत के सरल रूप को जान सकेंगे। उन्होंने कहा कि संस्कृत कम्प्यूटर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त भाषा है। यदि कोई छात्र उत्सुक है, संस्कृत बोलना सीखना चाहे तो हमारे शिक्षक और छात्र उसे 15 दिनों के संभाषण-शिविर में संस्कृत यानी देवभाषा बोलना-लिखना सिखा सकते हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ जयप्रकाश वर्मा ने कहाकि संस्कृत भाषा अति सरल एवं सहज है। यह मानव कल्याण एवं विकास में सहायक है।यह तो सभी मानते हैं कि न केवल वेदोपनिषद और पुराण, बल्कि आयुर्वेद, खगोल विज्ञान और योग शास्त्र जैसे कई अन्य ग्रंथ भी सबसे पहले इसी भाषा में प्रकाशित हुए थे। विशिष्ट अतिथि एम ए एम कॉलेज के प्राचार्य प्रो बी बी आनन्द ने कहाकि की संस्कृत देव भाषा के साथ ही सबसे प्राचीन और आधुनिक भाषा है। यह सर्वविदित है कि हमारे देश का ज्ञान आधार संस्कृत में है।जगद्गुरू रामानंदाचार्च राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ दिवाकर मिश्र ने अपने मुख्य वक्ता के रूप में सरल मानक संस्कृत के स्वरूप पर चर्चा करते हुए बताया कि कक्षाओं में शिक्षण शैली को रुचिकर और सुबोध बनाकर हम विषय को अधिक ग्राह्य बना सकते हैं। साथ ही उन्होंने सरलमानकसंस्कृतम् के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत समृद्ध एवं प्रवाहपूर्ण भाषा है।द्वितीय सत्र में डॉ प्रवीण मणि त्रिपाठी द्वारा सरल संस्कृत संभाषण के अभ्यास पर चर्चा की गई। उन्हेंनि प्रशिक्षुओं को सरलवाक्यों के द्वारा आपस में वार्तालाप करने का अभ्यास कराया। प्रशिशुओं ने बहुत ही उत्साह से अभ्यास सत्र में रुचिकर तरीके से सरल और दैनिक जीवन में प्रयुक्त होनेवाले वाक्यों को संस्कृत में बोलने का अभ्यास किया। तृतीय सत्र में डॉ. खेमनारायण रेग्मी ने सरलमानक संस्कृत के क्रियान्वयन की चर्चा करते हुए उपस्थित समूह के साथ सरल वाक्यों का उदाहरण देकर संस्कृत को सहज सीखने के गुर बताए। समापन सत्र में 150 पंजीकृत प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए।कार्यशाला में जम्मू के राजकीय महाविद्यालयों के संस्कृत के शिक्षक,शोधार्थी और छात्र उपस्थित रहे।मंच संचालन डॉ खेम नारायण रेग्मी ने किया। इस अवसर पर एम ए एम कॉलेज की आई,क्यू एसी के समन्वयक डॉ नीरज, डॉ सुनील उप्पल,डॉ योगेन्द्र दीक्षित,डॉ आशीष कुमार, कमल किशोर, डॉ कमलजीत,डॉ नाजिया चौधरी भी उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग तिरुपतिबाला ,मनोज अबरोल ने किया।धन्यवाद ज्ञापन डॉ पुरषोत्तम दाश द्वारा किया गया। |